बांसवाडा जिले में इन दिनों निरंतर पंचायतों में कैंप आयोजित हो रहे हें .ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में जबरदस्त उत्साह नजर आ रहा है. सभी विभाग लोगों को राहत पहुंचानें का प्रयास कर रहे हैं. हमारे सहकारी विभाग ने भी इन शिविरों में अपनी उपस्थिति का अहसास कराया है.भूमि विकास बैंक भी अपनी योजनाओं का प्रचार कर रहा है.बैंक की प्रमुख समस्या ऋणों की कम वसूली होना है ,हालाँकि इन शिविरों में अवधिपार ऋणियों के नाम पढ़े जा रहे हैं लेकिन ऐसे लोगों के फोटो शिविर में प्रदर्शित करने की भी आवश्यकता है ताकि सार्वजनिक रूप से ऐसे लोगों के बारे में जानकारी हो सके और ऐसे लोगों से वसूली भी की जा सके.अभी अभियान की शुरुआत है ,हम उम्मीद करते हैं आगे कुछ और अच्छी योजनाएँ और राहत के नए आयाम जोड़ें जायेंगें.
सहकारिता के बगैर ग्रामीण क्षेत्र का विकास अपूर्ण है क्योंकि आज भी आम कृषक को केवल सहकारी संस्थाएं ही लाभान्वित कर रही हैं, चाहे खाद बीज हो या ऋण आवश्यकताएं. हमारा कृषक आज भी सहकारिता के माध्यम से अपनी कई आवश्यकताओं की पूर्ति कर्ता है. प्रशासन अभियान में नए सदस्य बनाने तथा कृषि /अकृषि कार्यों की कई जानकारियां दी जा रही हैं.
इन शिविरों में एक ही स्थान पर विभिन्न विभागों के माध्यम से लोगों को राहत पहुंचानें का यह अनूठा प्रयास है.